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Tomato Price

सरकार टमाटर की तरह नही बढ़ने देगी प्याज के दाम

सरकार टमाटर की तरह नही बढ़ने देगी प्याज के दाम

आजकल टमाटर और अदरक के भाव बढ़ने से लोगों को लगता है, कि प्याज की कीमतों में भी इजाफा होगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने रविवार को बताया है, कि सरकार ने 3 लाख टन प्याज खरीदा है, जो पिछले साल के बफर स्टॉक से 20 प्रतिशत ज्यादा है। 

प्याज की लाइफ बढ़ाने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के साथ प्याज पर रेडिएशन का परीक्षण भी किया जा रहा है। गगनचुंबी टमाटर की कीमतों ने संपूर्ण भारत को हिलाकर रख दिया है। 

ऐसे में प्याज को लेकर अभी से तैयारी करनी चालू कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिले। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने रविवार को बताया है, कि सरकार ने 3 लाख टन प्याज खरीदी है, जो कि विगत वर्ष के बफर स्टॉक से 20 प्रतिशत ज्यादा है। 

साथ ही, प्याज की निजी जिंदगी बढ़ाने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के साथ प्याज पर रेडिएशन का परीक्षण भी किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के रूप में 2.51 लाख टन प्याज रखा था।

प्याज का 3 लाख टन का भरपूर भंडारण

अगर कम आपूर्ति वाले मौसम में कीमतें बेहद बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात परिस्थिति को पूरा करने के लिए प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड (पीएसएफ) के अंतर्गत बफर स्टॉक तैयार किया जाता है। 

रोहित सिंह का कहना है, कि त्योहारों के मौसम में किसी भी हालात से जूझने के लिए, सरकार ने इस वर्ष 3 लाख टन तक का मजबूत भंडारण विकसित किया है। प्याज को लेकर कोई परेशानी नहीं है। भरपूर भंडारण हेतु जो प्याज खरीदा गया है, वह वर्तमान में समाप्त हुए रबी सीजन का है। 

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खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि भारत के विभिन्न इलाकों में प्याज की बुवाई शुरू हो चुकी है। जिसकी फसल की आवक अक्टूबर माह में आनी चालू हो जाएगी। 

वर्तमान दौर में प्याज की खरीद हाल ही में निकले रबी सीजन से की जा रही है। वर्तमान में खरीफ प्याज की बिजाई चल रही है। बतादें, कि अक्टूबर में इसकी आवक चालू हो जाएगी। 

सचिव ने बताया है, कि सामान्य तौर पर खुदरा बाजारों में प्याज का भाव 20 दिनों अथवा उसके समीपवर्ती दबाव में रहती हैं। जब तक कि ताजा खरीफ फसल बाजार में नहीं आ जाती। परंतु, इस बार कोई दिक्कत नहीं होगी।

इस तरह बढ़ जाएगी प्याज की जीवनावधि

परमाणु ऊर्जा विभाग एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस मध्य प्याज भंडारण के लिए एक तकनीक का परीक्षण कर रहा है। 

रोहित सिंह ने बताया है, कि पायलट बेस पर हम महाराष्ट्र के लासलगांव में कोबाल्ट-60 से गामा रेडिएशन के साथ 150 टन प्याज पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे प्याज की जीवनावधि बढ़ जाएगी। 

2022-23 में सरकार ने पीएसएफ के अंतर्गत रबी-2022 फसल से रिकॉर्ड 2.51 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी। वहीं, इसे सितंबर 2022 और जनवरी 2023 के दौरान प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में जारी किया था। 

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भारत में सबसे सस्ता प्याज मिलता है

भारत का 65 प्रतिशत प्याज उत्पादन अप्रैल-जून के दौरान काटी गई रबी प्याज से होता है। यह अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई होने तक उपभोक्ताओं की मांग को पूर्ण करता है। 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 15 जुलाई को देश में सबसे सस्ता प्याज 10 रुपये प्रति किलोग्राम के साथ नीमच में मिल रहा था। साथ ही, नगालैंड के शेमेटर शहर में सबसे मंहगा प्याज 65 रुपये किलो पर मिल रहा है। भारत में प्याज का औसत भाव 26.79 रुपये प्रति किलोग्राम देखने को मिला था।

जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

टमाटर के भाव में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। टमाटर के एक थोक विक्रेता ने बताया है, कि बारिश एवं ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50% प्रतिशत फसल चौपट हो गई। इससे आकस्मिक तौर पर बाजार में टमाटर की अवक में गिरावट आ गई, जिससे कीमतों में इजाफा होने लगा है। महाराष्ट्र राज्य में टमाटर की कीमतों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। विगत एक सप्ताह के भीतर कीमत में 100% फीसद का इजाफा हुआ है। इससे आम जनता की रसोई का बजट प्रभावित हो गया है। परंतु, टमाटर की खेती करने वाले उत्पादकों के चेहरे पर मुस्कराहट आई है। कृषकों को यह आशा है, कि यदि इसी प्रकार से टमाटर के भावों में इजाफा होता रहा, तो वह थोड़ी-बहुत हानि की भरपाई कर सकते हैं। विगत माह महाराष्ट्र के टमाटर उत्पादक भाव में कमी आने के चलते लागत तक भी नहीं निकाल पा रहे थे। मंडियों के व्यापारी उनसे 2 से 3 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे थे। परंतु, फिलहाल उनको टमाटर का अच्छा-खासा भाव अर्जित हो रहा है।

टमाटर की कीमत 30 से 60 रूपए प्रतिकिलो हो चुकी है

मीडिया एजेंसियों के अनुसार, महाराष्ट्र में टमाटर का खुदरा भाव 30 रुपये से बढ़ कर 50 से 60 रुपये प्रति किलो हो चुका है। अंधेरी, नवी मुंबई, मंबुई एवं ठाणे समेत विभिन्न शहरों में रिटेल बाजार में टमाटर 50 से 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से विक्रय किए जा रहे हैं। साथ ही, एपीएमसी वाशी के निदेशक संजय पिंगले ने बताया है, कि टमाटर की आवक में गिरावट आने के चलते भाव में इजाफा हुआ है।  कुछ महीने पहले मांग के मुकाबले टमाटर का उत्पादन काफी अधिक था। इस वजह से टमाटर का भाव धड़ाम से गिर गया था। तब खुदरा बाजार में टमाटर 20 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे जा रहे थे। संजय पिंगले के अनुसार, जब टमाटर की आवक बढ़ेगी तब ही कीमतों में सुधार हो सकता है। हालांकि, अभी कुछ दिनों तक टमाटर की कीमत यथावत ही रहेगी। यह भी पढ़ें: भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

थोक व्यापारी इतने रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं

वाशी के थोक व्यापारी मंगल गुप्ता ने बताया है, कि वर्षा और ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50 प्रतिशत फसल चौपट हो चुकी है। इसकी वजह से अचानक बाजार में टमाटर की आवक में गिरावट आई है। नतीजतन भाव बढ़ने लगा। फिलहाल, थोक व्यापारी 16 से 22 रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं। यही वजह है, जो इसका खुदरा भाव 60 रुपए किलो पर पहुँच गया है। मंगल गुप्ता के मुताबिक, मौसम अगर ठीक रहा तो कुछ ही हफ्तों के अंदर कीमत में गिरावट आ सकती है।

इन जगहों पर टमाटर की कीमतें हुई महंगी

साथ ही, पुणे के एक व्यवसायी ने बताया है, कि पहले रिटेल बाजार में टमाटर का भाव 10 से 20 रुपये प्रति किलो था। परंतु, दो माह के अंदर ही टमाटर कई गुना महंगा हो गया। बतादें, कि टमाटर की कीमतें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व महाराष्ट्र के साथ-साथ गाजियाबाद एवं नोएडा में भी बढ़ी हैं। जो टमाटर यहां पर एक सप्ताह पूर्व 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। वर्तमान में उसकी कीमत 30 रुपये प्रति किलो पर पहुँच गई है।
टमाटर की कीमतों में आखिर क्यों लगी आग, सेब और आम की कीमत में बिक रहा टमाटर

टमाटर की कीमतों में आखिर क्यों लगी आग, सेब और आम की कीमत में बिक रहा टमाटर

अगर हम आज से कुछ माह पहले की स्थिति देखें तो, अप्रैल और मई में टमाटर कौड़ियों के भाव बिक रहे थे। यहां तक कि टमाटर का भाव 3 से 5 रुपए प्रति किलो हो गया था। लेकिन अब टमाटर की कीमतों में 500 % प्रतिशत तक का उछाल आया है। बतादें, कि कुछ दिन पहले 10 से 20 रुपए प्रतिकिलो बिकने वाला टमाटर अब लंगड़ा, जर्दालु एवं दशहरी जैसे आमों से भी महंगा हो चुका है। टमाटर की कीमतें इतनी ज्यादा हो चुकी हैं, कि लोग टमाटर के एवज में सेब और आम का सेवन करना अधिक पसंद कर रहे हैं। दरअसल, टमाटर की कीमत अकेले दिल्ली में ही नहीं बढ़ी है। इसकी कीमत में बढ़ोत्तरी हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित भारत के समस्त राज्यों में हुई है। फिलहाल, एक किलो टमाटर खरीदने के लिए लोगों को 100 से 120 रुपए का खर्चा करना पड़ रहा है। आइए इस लेख में हम जानते हैं, कि किस वजह से टमाटर का भाव इतना ज्यादा हुआ है।

किसानों को विवश होकर 2 रुपए किलो भी बेचने पड़े थे टमाटर

अप्रैल एवं मई माह के दौरान टमाटर कौड़ियों के भाव में बिक रहा था। थोक बाजार में इसका भाव 3 से 5 रुपये किलो पहुंच गया था। इसके चलते महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसान खर्चा तक भी नहीं निकाल पा रहे थे। इन राज्यों में किसान 2 रुपये किलो के हिसाब से टमाटर बेचने को विवश हो गए थे। अब ऐसी स्थिति में दुखी किसानों ने टमाटर को सब्जी मंडी के बाहर ही सड़कों पर फेंक दिया था। परंतु, मानसून की दस्तक के आते ही टमाटर के भाव अचानक सातवें आसमान पर पहुंच गए।

टमाटर की कीमत कितने दिन ज्यों की त्यों रहेंगी

मंडी के व्यापारियों ने बताया है, कि विगत कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की आवक में काफी ज्यादा गिरावट हुई है। इससे थोक बाजार में ही टमाटर महंगा हो गया। अब दुकानदार ही हॉलसेल में 70 से 80 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे हैं। साथ ही, जानकारों का कहना है, कि अगले महीने तक टमाटर की कीमतें ऐसी ही रहेंगी। ये भी देखें: भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

बारिश ने किया टमाटर की फसल को चौपट

गाजीपुर सब्जी मंडी के व्यापारी एवं मंडी अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद का कहना है, कि दिल्ली-एनसीआर में टमाटर समेत समस्त सब्जियों की कीमतें महंगी रहेंगी। टमाटर की बढ़ती कीमतों की मुख्य वजह बारिश है। क्योंकि दिल्ली-एनसीआर समेत विभिन्न राज्यों में टमाटर की फसल बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने कहा है, कि दिल्ली के बाजार में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से टमाटर की आपूर्ति होती है। परंतु, अत्यधिक वर्षा होने से खेतों में जलभराव की स्थिति हो गई। जिसकी वजह से टमाटर की पत्तियां सड़ गईं। साथ ही, खेत में कीचड़ होने के कारण किसान बचे हुए टमाटर भी नहीं तोड़ पा रहे हैं। इससे टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इससे दिल्ली- एनसीआर में आपूर्ति प्रभावित होने से टमाटर काफी महंगे हो गए हैं।

फिलहाल टमाटर की आवक इन राज्यों से हो रही है

सत्यदेव प्रसाद के कहने के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बहुत सारे किसानों ने वर्षा होने पर धान की रोपाई करने के लिए टमाटर की फसल को खेत से हटा रहे हैं। इससे भी बाजार में टमाटर की कीमत बढ़ गई है। साथ ही, गाजीपुर सब्जी मंडी के सचिव मनोज कुमार ने बताया है कि अभी दिल्ली और आसपास के बाजारों में टमाटर महाराष्ट्र, बेंगलूरु, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से पहुँच रहे हैं। वहां से लाने में सर्वाधिक खर्चा परिवहन पर हो रहा है। उन्होंने कहा है, कि दो सप्ताह पूर्व तक 50 किलो के टमाटर का क्रेट 50 से 100 रुपये में मिला करता था। अब थोक बाजार में इसकी भाव 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुका है।

टमाटर की कीमत में इस वजह से हुआ इजाफा

मनोज कुमार का कहना है, कि गाजीपुर मंडी में पहले प्रतिदिन 20 से 30 ट्रक टमाटर की आवक होती थी। परंतु, अब 10 से 11 ट्रक ही टमाटर की मंडियों में आवक हो रही है। यही कारण है, कि आपूर्ति एवं मांग में काफी ज्यादा अंतराल आने से कीमतें बढ़ गई हैं। साथ ही, बहुत सारे लोगों का कहना है, कि समुचित भाव नहीं मिलने के कारण इस बार किसानों ने टमाटर के उत्पादन रकबे को कम कर दिया है। इसके स्थान पर किसानों ने बींस की खेती की। इस वजह से भी टमाटर के भाव में इजाफा हुआ है।
टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

टमाटर की बढ़ती कीमतों का बहुत सारे किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा तो वहीं कर्नाटक के किसान टमाटर बेचकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। भारत में महंगाई चरम सीमा पर है। विशेष रूप से टमाटर की बात की जाए तो इसकी कीमतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो जून में खुदरा मंहगाई दर 4.81 प्रतिशत रही। महंगाई बढ़ने की एक वजह टमाटर भी है। आम जनता के किचन से टमाटर लापता हो चुका है। हर तरफ खबरें आ रही है, कि किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन आज आपको कुछ ऐसे किसानों के संबंध में बताऐंगे जो कि टमाटर बेचकर लखपति बन चुके हैं। इन किसान परिवारों ने टमाटर बेचकर 1000, 2000 नहीं बल्कि पूरे 38 लाख रुपए कमा लिए हैं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे हुआ है। आइए आपको बताते हैं इन किसानों की पूरी कहानी।

किसान को कैसे मिली 38 लाख की रकम

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विगत एक माह में
टमाटर की कीमतों में 326 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक खबर के अनुसार, कर्नाटक के एक किसान परिवार ने टमाटर बेचकर पूरे 38 लाख रुपए की बड़ी रकम कमा डाली। दरअसल, इस किसान परिवार ने टमाटर के 2000 बॉक्स बेचे, जिससे उन्हें पूरे 38 लाख रुपए मिले हैं।

इन किसानों की लाखों में हुई आय

कर्नाटक के इस किसान के अतिरिक्त एक ओर किसान जिनका नाम वेंकटरमण है। चिंतामणि तालुका के इस किसान ने टमाटर के एक बॉक्स को 2200 रुपए में बेचा है। कोलार के मंडी में जब वो टमाटर बेचने गए तो उनके पास समकुल 54 बॉक्स थे। एक बॉक्स के अंदर 15 किलो टमाटर होता है। इस प्रकार से 54 में 26 बक्सों को 2200 रुपए प्रति बॉक्स के हिसाब से बेचा। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बाकी बक्सों के लिए उन्हें 1800 रुपए की ही कीमत मिली।इस तरह 54 बक्सों को बेचकर उन्हें 17 लाख से ज्यादा की रकम मिली। ये भी पढ़े: इन राज्यों में 200 रुपए किलो के टमाटर को राज्य सरकार की मदद से 60 रुपए किलो में बेचा जा रहा है

इस मंडी से किसान बने लखपति

उपर जिन दो किसानों की कहानी बताई गई है। ये दोनों कर्नाटक के कोलार मंडी में टमाटर बेचकर लखपति बन रहे है। दरअसल, कोलार मंडी में टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर पहुँच गई है। यहां 15 किलो के डब्बे की कीमत 1900 रुपए से 2200 रुपए तक पहुँच गया है। बतादें, कि इससे किसानों की अच्छी-खासी आमदनी हो रही है।
केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से निजात देश की राजधानी समेत इन शहरों में 90 रुपए किलो बिकेगा टमाटर

केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से निजात देश की राजधानी समेत इन शहरों में 90 रुपए किलो बिकेगा टमाटर

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ट्वीट कर कहा है, कि दिल्ली और नोएडा के अतिरिक्त आज से पटना, लखनऊ और मुजफ्फरपुर में रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री चालू हो गई है। मानसून की दस्तक के साथ ही टमाटर की कीमतों में जो इजाफा चालू हुआ था। वह कम होने का नाम भी नहीं ले रही है बल्कि इसकी कीमतों में और बढ़ोत्तरी भी होती जा रही है। महंगाई का मामला यह है, कि सोमवार को खुदरा बाजार में टमाटर का भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुका है। विशेष बात यह है, कि टमाटर का यह भाव तकरीबन भारत के सभी प्रमुख शहरों में दर्ज किया गया। परंतु, फिलहाल आम जनता को टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने टमाटर के बढ़ते दाम पर रोक लगाने के लिए बड़ी योजना बनाई है। अब लोग कम भाव पर टमाटर खरीद पाएंगे।

सरकार ने टमाटर की बढ़ती कीमतों को रोकने की बनाई योजना

मानसून के दस्तक के साथ ही टमाटर की कीमतों में इजाफा शुरू हुआ था, जो कि कम होने का नाम भी नहीं ले रहा है। इसकी कीमत में और बढ़ोत्तरी ही होती जा रही है। महंगाई का आलम यह है, कि शनिवार को खुदरा बाजार में टमाटर का भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। विशेष बात यह है, कि टमाटर का यह भाव तकरीबन भारत के समस्त प्रमुख शहरों में दर्ज किया गया। परंतु, फिलहाल आम जनता को टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने टमाटर की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण बनाने के लिए बड़ी योजना बनाई है। फिलहाल, लोग कम कीमत पर टमाटर खरीद सकेंगे। ये भी पढ़े: जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से राहत

दरअसल, केंद्र सरकार ने आम जनता को महंगाई से निजात दिलाने हेतु स्वयं टमाटर बेचने का निर्णय किया है। केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर, पटना और लखनऊ समेत भारत के प्रमुख शहरों में 90 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर बेचेगी। हालांकि, अभी दिल्ली- एनसीआर में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ मोबाइल वैन माध्यम से टमाटर बेच रहे हैं। नोएडा, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न स्थानों पर महासंघ के द्वारा टमाटर बेचे जा रहे हैं।

मदर डेयरी से संपर्क चल रहा है

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ट्वीट कर बताया है, कि दिल्ली और नोएडा के अतिरिक्त आज से पटना, लखनऊ और मुजफ्फरपुर में रियायती दरों पर टमाटर की विक्री चालू हो चुकी है। उन्होंने बताया है, कि एनसीसीएफ कल से दिल्ली में तकरीबन 100 स्थानों पर अपने आउटलेट के जरिए टमाटर बेचना चालू कर देगा। विशेष बात यह है, कि एनसीसीएफ आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर के अंतर्गत 400 स्थानों पर मदर डेयरी के साथ मिलकर टमाटर बेचेगा। इसके लिए मदर डेयरी के साथ बातचीत चल रही है। ये भी पढ़े: टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

महाराष्ट्र में टमाटर 150 रुपए किलोग्राम बिका

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर आज टमाटर का औसत भाव 117 रुपये प्रति किलो रहा है। वहीं, अधिकतम भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम भाव 25 रुपये प्रति किलोग्राम था। साथ ही, टमाटर का मॉडल प्राइस 100 रुपये प्रति किलोग्राम है। अगर बात भारत के प्रमुख महानगरों की करें तो आज दिल्ली में टमाटर का भाव 178 रुपये किलो, मुंबई में 150 रुपये किलो और चेन्नई में 132 रुपये किलो था। लेकिन, सबसे अधिक महंगा टमाटर उत्तर प्रदेश के हापुड़ में बिका था। यहां पर लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 250 रुपये खर्च करने पड़े। वैसे भी मानसून आने के पश्चात टमाटर की कीमत में बढ़ोत्तरी हो जाती है। जुलाई से नवंबर माह के दौरान इसका भाव काफी अधिक ही रहता है।
सरकार अब 70 रुपए किलो बेचेगी टमाटर 

सरकार अब 70 रुपए किलो बेचेगी टमाटर 

भारत की राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में टमाटर का भाव 200 रुपये से 250 रुपये किलो तक पहुँच गया है। साथ ही, चंडीगढ़ में लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 300 रुपये से भी ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं। भारत में महंगाई के चलते आम से लेकर खास लोगों तक की रसोई का बजट बिगड़ गया है। बतादें कि करैला, धनिया, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, भिंडी और लौकी समेत समस्त प्रकार की हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं। परंतु, सबसे अधिक टमाटर की कीमत में आग लगी हुई है। महंगाई का कहर इतना है, कि टमाटर का भाव 250 रुपये किलो से भी ऊपर चला गया है। दिल्ली- एनसीआर सहित विभिन्न राज्यों में टमाटर की कीमत 200 रुपये से 250 रुपये किलो पर पहुँच चुकी है। साथ ही, चंडीगढ़ में लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 300 रुपये से भी ज्यादा रुपये का खर्चा करना पड़ रहा है। यहां पर टमाटर 350 रुपये किलो तक बिक रहा है।

अब से 70 रूपए किलो बिकेगा टमाटर

हालांकि, महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के समेत राज्य सरकारें भी पूरा प्रयास कर रही हैं। लेकिन कीमतों में गिरावट आने की कोई आशा नजर नहीं दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार की एजेंसी नाफेड ने खुद ही दिल्ली, नोएडा और लखनऊ समेत भारत की बहुत सारे शहरों में 80 रुपये किलो टमाटर बेचना चालू कर दिया है। परंतु, वर्तमान में लोग 80 रुपये किलो से भी कम भाव पर सरकारी स्टॉल से टमाटर खरीद सकेंगे। नाफेड ने घोषणा की है, कि वह 20 जुलाई से 70 रुपये किलो के रेट से टमाटर बेचेगा। जिससे कि महंगाई पर रोकथाम लगाई जा सके। ये भी पढ़े: केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से निजात देश की राजधानी समेत इन शहरों में 90 रुपए किलो बिकेगा टमाटर

टमाटर के बढ़ते भाव पर लगेगी रोक

जानकारों का कहना है, कि केंद्र सरकार ने यह ऐलान टमाटर के भाव में आ रही कमी के ट्रेंड को देखते हुए किया है। गुरुवार से भारत के विभिन्न शहरों में नाफेड 70 रुपये किलो तक टमाटर बेचेगा। मुख्य बात यह है, कि सस्ती दर पर टमाटर बिक्री के लिए केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से टमाटर की खरीदारी करेगा। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से उत्तर भारत के राज्यों में टमाटर की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगेगा।

नाफेड अब 70 रुपये किलो बेचेगा टमाटर

बता दें कि केंद्र सरकार की एजेंसी नाफेड ने पहले दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर मोबाइल वैन के माध्यम से 90 रुपये किलो टमाटर बेचना चालू किया था। इसके पश्चात 16 जुलाई को नाफेड ने 10 रुपये किलो टमाटर सस्ता कर दिया और 80 रुपये किलो बेकना शुरू कर दिया। फिलहाल, नाफेड लखनऊ और पटना में विभिन्न स्थानों पर 80 रुपये किलो टमाटर बेक रहा है। नाफेड कल से 70 रुपये किलो टमाटर बेचेगा।
मुंबई में आज भी टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर हैं

मुंबई में आज भी टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर हैं

मुंबई में जून में, टमाटर की कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम के रेगुलर भाव से तकरीबन दोगुनी होकर 13 जून को 50-60 रुपये हो गईं। जून के समापन तक 100 रुपये को पार कर गईं।

मुंबई में टमाटर की कीमतें

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि कंज्यूमर अफेयर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में टमाटर के मैक्सीमम प्राइस 200 रुपये से नीचे आ गए थे। साथ ही, बात यदि मुंबई की करें तो विभाग के मुताबिक टमाटर का खुदरा भाव 160 रुपये प्रति किलोग्राम था। परंतु, वीकेंड पर टमाटर के रिटेल भावों के सारे रिकॉर्ड तोड़ने की खबरें सामने आ रही हैं। जी हां, मुंबई में टमाटर का भाव 200 रुपये प्रति को पार करते हुए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खरीदारों की संख्या पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ चुकी है, जिससे ग्राहकों की कमी की वजह से कुछ इलाकों में टमाटर की दुकानें बंद करनी पड़ीं।

टमाटर की कीमत विगत सात हफ्ते में 7 गुना तक बढ़ी है

मूसलाधार बारिश की वजह से कुल फसल की कमी एवं बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त होने की वजह से बहुत सारी जरूरी सब्जियों के अतिरिक्त टमाटर की कीमतें जून से लगातार बढ़ रही हैं। जून में, टमाटर की कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम के रेगुलर भाव से तकरीबन दोगुनी होकर 13 जून को 50-60 रुपये हो गईं। जून के आखिर तक 100 रुपये को पार कर गईं। 3 जुलाई को इसने 160 रुपये का एक नया रिकॉर्ड बनाया, सब्जी विक्रेताओं ने भविष्यवाणी की कि रसोई का प्रमुख उत्पाद अंतिम जुलाई तक 200 रुपये की बाधा को तोड़ देगा, जो उसने किया है। ये भी पढ़े: सरकार अब 70 रुपए किलो बेचेगी टमाटर

किस वजह से टमाटर के भाव में आया उछाल

टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एपीएमसी वाशी के डायरेक्टर शंकर पिंगले के मुताबिक टमाटर का थोक भाव 80 रुपये से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के मध्य है। हालांकि, लोनावाला लैंडस्लाइड की घटना, उसके पश्चात ट्रैफिक जाम और डायवर्जन की वजह से वाशी मार्केट में प्रॉपर सप्लाई की बाधा खड़ी हो गई, जिसकी वजह से कीमतों में अस्थायी तौर पर इजाफा देखने को मिला। डायरेक्टर ने बताया है, कि कुछ दिनों के भीतर सप्लाई पुनः आरंभ हो जाएगी।

जानें भारत में कहाँ कहाँ टमाटर 200 से ऊपर है

बतादें, कि वाशी के एक और व्यापारी सचिन शितोले ने यह खुलासा किया है, कि टमाटर 110 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर विक्रय किया जा रहा है। दादर बाजार में रोहित केसरवानी नाम के एक सब्जी विक्रेता ने कहा है, कि वहां थोक भाव 160 से 180 रुपये प्रति किलो है। अचंभित करने वाली बात यह है, कि उस मुख्य दिन पर वाशी बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर मौजूद नहीं थे। माटुंगा, फोर बंगलोज, अंधेरी, मलाड, परेल, घाटकोपर, भायखला, खार मार्केट, पाली मार्केट, बांद्रा और दादर मार्केट में विभिन्न विक्रेताओं ने टमाटर की कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक बताईं। लेकिन, कुछ लोग 180 रुपये किलो बेच रहे थे।

बहुत सारे विक्रेताओं ने बंद की अपनी दुकान

रविवार को ग्राहकों की कमी के चलते फोर बंगलों और अंधेरी स्टेशन इलाके में टमाटर की दोनों दुकानें बिल्कुल बंद रहीं। टमाटर विक्रेताओं का कहना है, कि जब टमाटर की कीमतें गिरेंगी तब ही वो दुकान खोलेंगे। वैसे कुछ विक्रेताओं ने यह कहा है, कि त्योहारी सीजन जैसे कि रक्षाबंधन अथवा फिर जन्माष्टमी के दौरान दुकान खोलेंगे। बाकी और भी बहुत सारे दूसरे सब्जी दुकानदारों ने अपने भंडार को कम करने अथवा इसे प्रति दिन मात्र 3 किलोग्राम तक सीमित करने जैसे कदम उठाए गए हैं। विक्रेताओं में से एक ने हताशा व्यक्त की क्योंकि ज्यादातर ग्राहक सिर्फ और सिर्फ कीमतों के बारे में पूछ रहे हैं और बिना कुछ खरीदे वापिस लौट रहे हैं।

टमाटर उत्पादक किसान ने महज कुछ दिनों में ही करोड़ों की आमदनी कर डाली

टमाटर उत्पादक किसान ने महज कुछ दिनों में ही करोड़ों की आमदनी कर डाली

आज हम आपको टमाटर उत्पादक किसान मुरली के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनको पिछले साल टमाटर की खेती में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। उनके ऊपर तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये के कर्ज का भार हो गया था। परंतु, इस साल उन्होंने टमाटर बेचकर सारा कर्ज चुका दिया। साथ ही उन्हें 2 करोड़ रुपये का मुनाफा भी अर्जित हो गया। आज कल महंगाई से आम जनता तो परेशान है ही, साथ ही हरी सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसानों की लॉटरी लग गई है। कई किसान हरी सब्जी बेचकर धनवान हो गए हैं। मुख्य बात यह है कि टमाटर उत्पादक किसानों कीआमदनी इस महंगाई में कई गुनी बढ़ गई है। भारत में कई किसान टमाटर बेचकर करोड़पति बन गए हैं। बतादें कि 48 वर्षीय किसान मुरली इन्हीं किसानों में से एक हैं। मुरली ने महज कुछ ही दिनों में टमाटर बेचकर 4 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली है। इससे मुरली पूरे भारत में काफी चर्चित हो गए हैं।

टमाटर उत्पादक किसान मुरली चित्तूर जनपद के निवासी हैं

जानकारी के अनुसार, किसान मुरली आंध्र प्रदेश के चित्तूर जनपद के निवासी हैं। वे काफी समय से अपने गांव में टमाटर की खेती कर रहे हैं। परंतु, इससे पूर्व उन्हें इतना मुनाफा कभी नहीं मिला। पिछले साल तो भाव में कमी आने से उन्हें 1.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। उन्होंने साहूकार से कर्ज लेकर खेती की थी। ऐसी स्थिति में वे 1.5 करोड़ रुपये के कर्जदार भी हो गए थे। परंतु, इस वर्ष वे टमाटर बेचकर धनवान हो गए हैं। कीमत ज्यादा होने की वजह से महज कुछ दिनों में वे टमाटर बेचकर 4 करोड़ रुपये की आय कर चुके हैं।

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किसान मुरली ने महज 45 दिन में ही 2 करोड़ रुपये की आय कर डाली

दरअसल, इतनी मोटी आमदनी करने के लिए मुरली को भी काफी ज्यादा परिश्रम करना पड़ा। उन्हें टमाटर बेचने के लिए प्रतिदिन 130 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी पड़ी। वे टमाटर बेचने के लिए कोलार जाते थे, जिससे कि अच्छी कीमत मिल सके। विशेष बात यह है, कि 1.5 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के पश्चात मुरली केवल 45 दिन में ही 2 करोड़ रुपये की आमदनी करने में कामयाब रहे।

किसान मुरली टमाटर का रकबा बढ़ाने के लिए जमीन खरीदने की भी योजना बना रहे हैं

बतादें कि इस मुनाफे से मुरली काफी ज्यादा प्रसन्न नजर आ रहे हैं। फिलहाल वे और ज्यादा क्षेत्रफल में टमाटर की खेती करने की योजना बना रहे हैं। अब वे वैज्ञानिक तकनीक को अपनाते हुए बागवानी विधि से टमाटर का उत्पादन करना चाहते हैं, जिससे कि वह और अच्छी पैदावार ले सके। विशेष बात यह है, कि मुरली ज्यादा रकबे में खेती करने के लिए गांव में ही और जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं।
NCR में इस वजह से टमाटर के दाम फिर से बढ़े, मांग की तुलना में सप्लाई मात्र 15 प्रतिशत है

NCR में इस वजह से टमाटर के दाम फिर से बढ़े, मांग की तुलना में सप्लाई मात्र 15 प्रतिशत है

आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक का कहना है, कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों में टमाटर की मांग की तुलना में आपूर्ति काफी गिर गई है। मूसलाधार बारिश की वजह से टमाटर उत्पादक राज्यों में फसल क्षतिग्रस्त हो गई है। संपूर्ण भारत में महंगाई से हड़कंप मच गया है। करेला, लौकी, शिमला मिर्च, परवल और भिंडी समेत तकरीबन समस्त प्रकार की हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं। परंतु, टमाटर का भाव सबको परेशान कर रहा है। आज भी भारत के विभिन्न राज्यों में टमाटर 120 से 150 रुपये किलो बिक रहा है। परंतु, देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर सबसे ज्यादा महंगा है। यहां पर बुधवार को विभिन्न स्थानों पर 259 रुपये किलो टमाटर बेचा गया।

यह कीमतों में उछाल की मुख्य वजह है

हालांकि, एक सप्ताह पूर्व दिल्ली में टमाटर की कीमतों में कुछ हद तक कमी देखने को मिली थी। राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बाजारों में टमाटर 120 से 150 रुपये किलो पहुँच गया था। परंतु, मंगलवार से एक बार पुनः कीमतें बढ़ने लगीं है। अब ऐसी स्थिति में लोगों को लग रहा है, कि अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली में ही टमाटर इतना महंगा क्यों है। आखिर कीमतों में गिरावट आने के पश्चात पुनः बढ़ोत्तरी क्यों हुई है। इन सवालों के साथ दिल्ली वासी महंगाई को लेकर काफी चिंता में हैं। परंतु, उनको टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है। कीमतों में तेजी से उछाल की असली वजह सामने आ गई है।

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जानें दिल्ली में कितने ट्रक टमाटर की आवक हुई है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि टमाटर उत्पादक राज्यों में बारिश के चलते टमाटर का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। इससे दिल्ली में मांग के अनुसार, टमाटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को केवल 6 ट्रक ही टमाटर की आवक हुई, जो कि इसकी मांग का 15 प्रतिशत ही है। इसका अर्थ यह है, कि दिल्ली में आज भी 85 फीसद टमाटर की सप्लाई प्रभावित है। ऐसी स्थिति में मार्केट में टमाटर की उपलब्धता कम होने से कीमतों में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में दिल्ली के अंदर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति हो रही है। ऐसी स्थिति में माल ढ़लाई का खर्चा भी बढ़ रहा है।

मदर डेयरी की सफल रिटेल दुकानों में 259 रुपये किलो टमाटर बेचा गया

साथ ही, आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक का कहना है, कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों में टमाटर की आवक कम हो गई है। भारी बारिश की वजह से टमाटर उत्पादक राज्यों में फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने बताया कि आजादपुर मंडी में बुधवार को टमाटर की केवल 15 प्रतिशत ही आपूर्ति हो पाई है। यही कारण है, कि दिल्ली में टमाटर की कीमतों में एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगी हैं। साथ ही, मदर डेयरी ने बुधवार अपनी सफल रिटेल दुकानों में 259 रुपये किलो टमाटर बेचा है।
शिमला मिर्च, बैंगन और आलू के बाद अब टमाटर की कीमतों में आई भारी गिरावट से किसान परेशान

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हरियाणा राज्य में टमाटर की स्थिति गंभीर रूप से खराब हो गई है। यहां टमाटर केवल 3 से 4 रुपये किलो की कीमत पर बेचा जा रहा है। लाने ले जाने का किराया तक भी नहीं निकल पा रहा है। इसकी वजह से किसानों में गुस्सा है। जिसके चलते किसान अपने टमाटरों को सड़क पर ही फेंक रहे हैं। रबी का सीजन भी किसानों के लिए संकट बन रहा है। मार्च माह में बारिश के साथ ही ओलावृष्टि से सरसों और गेंहू की फसल को अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा है। किसानों की हानि की भरपाई तक नहीं हो पा रही है। बहुत सारे राज्यों में मिर्च, सेब की फसल भी बर्बाद होने की हालत में है। फिलहाल, यह ताजा खबर सामने आ रही है, कि टमाटर को लेकर सामने आ रही है। टमाटर की यह स्थिति हो गई है, कि मंडी में 3 से 4 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेकी जा रही है। इतनी कम कीमतों में भाड़ा का खर्चा तक न निकल पाने से किसान काफी चिंतित हैं।

निराश किसान सड़कों पर फेंक रहे टमाटर

टमाटर की यह बुरी स्थिति हरियाणा राज्य से सुनने आई है। हरियाणा राज्य के चरखी दादरी जनपद क्षेत्र में टमाटर 3 से 4 रुपये किलो के भाव से ही बिक रहा है। दरअसल, किसान अपने टमाटर को लेकर चरखी मंडी में बेचने के लिए पहुंचे हैं। उन कारोबारियों ने टमाटर का दाम महज 3 से 4 रुपये प्रति किलो ही लगाया। इतने कम भाव सुनकर किसान भड़क गए। यातायात को ना निकलता देख उन्होंने अपने टमाटरों को सड़कों पर ही फेंक दिया है।

दोगुनी मार से किसान काफी हताश हैं

हरियाणा राज्य के चरखी दादरी में बड़ी तादात में किसान खेती-बाड़ी से जुड़े हैं। मार्च माह में बारिश के साथ ओलावृष्टि से सरसों, गेंहू सहित बाकी फसलों को हानि हुई था। टमाटर की वर्तमान में चल रही कीमतों ने किसान को चिंतित कर दिया है। किसान इस दौरान दोहरी मार सहन करने की हालत में नहीं है।

टमाटर की इतनी बड़ी दुर्दशा क्यों हुई है

हरियाणा के बहुत सारे जनपदों में टमाटर की बुरी स्थिति हो चुकी है। कहा गया है, कि इस बार टमाटर का काफी ज्यादा उत्पादन हुआ है। हालाँकि टमाटर की इतनी खपत नहीं है। टमाटर न तोड़ पाने की वजह से टमाटर खेत में ही सड़ने लग चुके हैं। किसान मंडी में टमाटर बेचने जा रहे हैं, तो उन्हें मनमाफिक कीमत ही नहीं मिल पा रही है। ऐसी हालत में अब किसान क्या करें। सड़कों पर टमाटर फेंकना ही किसानों की मजबूरी बन चुकी है।

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सरकारी तंत्र ने इस विषय पर क्या कहा है

हरियाणा के सरकारी तंत्र का कहना है, कि कुछ इलाकों में ओलावृष्टि के साथ हुई बारिश से टमाटर बर्बाद हो चुका है। कीटों का संक्रमण भी टमाटर पर देखने को मिल रहा है। किसानों की सहायता की हर संभव प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है, कि टमाटर का समुचित भाव किसानों को मिलना चाहिए।
उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया प्याज-टमाटर के दामों में हुई कितनी गिरावट

उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया प्याज-टमाटर के दामों में हुई कितनी गिरावट

जानिए एक महीने में कितने कम हो गए प्याज-टमाटर के दाम

आपने सुना होगा "आसमान से गिरे खजूर में अटके"…. लेकिन प्याज-टमाटर के मामले में "खेत में टूटे..मंडी में पिचके" वाली बात साबित हो रही है… जी हां, प्याज-टमाटर की कीमतों में आई गिरावट के बारे में केंद्र सरकार ने जानकारी दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की जानकारी कहती है कि
मानसूनी बारिश के कारण मंडियों में आवक बढ़ी है। इससे औसत खुदरा मूल्य में पिछले महीने की तुलना में 29 फीसदी गिरावट आई है। मंत्रालय के अनुसार प्याज की खुदरा कीमत भी पिछले साल के मुकाबले 9 प्रतिशत कम यानी काफी हद तक नियंत्रण में है। आम आदमी की बात करें तो पिछले दिनों टमाटर के भाव जहां सुर्ख रहे तो वहीं प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहीं। अंतर की बात करें तो टमाटर की खुदरा कीमत में पिछले माह के मुकाबले 29 जबकि प्याज के दाम में 9 फीसदी तक की कमी आई।

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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार टमाटर के अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य पिछले महीने की तुलना में 29 प्रतिशत कम हुए। मंत्रालय के आंकड़े कहते हैं कि, टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य मंगलवार को 37.35 रुपए प्रति किलोग्राम था। एक महीने पहले की समान अवधि में टमाटर की कीमत 52.5 रुपए प्रति किलोग्राम थी। बीते दिनों टमाटर के दाम (Tomato Price) में बढ़त के कारण आम जनता को खासी परेशानी हुई थी। टमाटर के मुकाबले हालांकि प्याज की कीमतें (Onion Price) नियंत्रण में रहीं।

बफर स्टॉक का सहारा -

भविष्य में भी प्याज की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे इंतजाम के बारे में भी जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने बताया है कि, सरकार ने चालू वर्ष में प्याज के 2.50 लाख टन भंडारण की व्यवस्था की है। ये भी पढ़े: अत्यधिक गर्मी से खराब हो रहे हैं आलू और प्याज, तो अपनाएं ये तरीके आज यह अभी तक का सबसे अधिक खरीदा गया प्याज का बफर स्टॉक है। मंत्रालय का कहना है कि बफर की खरीद ने कृषि मंत्रालय द्वारा 317.03 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद इस साल, प्याज के मंडी दाम को टूटने से बचाने में मदद प्रदान की है। बताया गया है कि, अगस्त-दिसंबर के दौरान कीमतों की तेजी को कम करने के लिए प्याज का बफर स्टॉक सुनियोजित तरीके से जारी किया जाएगा। इस संग्रह को लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से रिलीज़ किया जाएगा। इसे खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए राज्यों और सरकारी एजेंसियों को प्रदान किया जाएगा। खुले बाजार में जारी करने के लिए उन राज्यों/शहरों को लक्षित किया जाएगा, जहां कीमत पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही है।
भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

काले टमाटर की खेती सर्वप्रथम इंग्लैंड देश में चालू की गई थी। इंग्लैंड में इसको इंडिगो रोज टमाटर के नाम से जाना जाता है। दरअसल, यूरोप की मंडियों में लोग इसे सुपरफूड के नाम से भी जानते हैं। आमतौर पर टमाटर खाना प्रत्येक किसान को पसंद आता है। इसके अंतर्गत विटामिन के, विटामिन- सी एवं विटामिन-ए भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं। ऐसे तो टमाटर का उपयोग सौंदर्य उत्पाद निर्मित करने के लिए भी किया जाता है। परंतु, टमाटर का सर्वाधिक उपयोग लोग सलाद के रूप में करते हैं। अधिकांश लोगों को यह लगता है, कि टमाटर केवल लाल रंग के ही होते हैं। परंतु, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। टमाटर काले रंग में भी उपलब्ध होते हैं। उसकी खेती भारत के विभिन्न राज्यों में की जा रही है। विशेष बात यह है, कि लाल टमाटर की भांति ही काले टमाटर का भी उत्पादन किया जाता है।

काले टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काले
टमाटर की खेती करने के लिए गर्म जलवायु ज्यादा उपयुक्त मानी गई है। इसके लिए मृदा का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना बेहद आवश्यक है। ऐसी स्थिति में भारत के किसानों के लिए काले टमाटर की खेती करना अत्यधिक लाभकारी रहेगा। क्योंकि, भारत की जलवायु गर्म है। काले टमाटर की कीमत लाल टमाटर के तुलनात्मक काफी ज्यादा होती है। अब ऐसी स्थिति में किसान भाई इसका उत्पादन कर अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं। परंतु, काले टमाटर के पौधों पर फल आने में थोड़ा विलंभ होता है। इस वजह से किसान भाइयों को इसकी खेती में थोड़े धीरज से कार्य लेने की जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश में सर्वप्रथम काले टमाटर का उत्पादन शुरू हुआ है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि काले टमाटर की खेती सर्वप्रथम इंग्लैंड में शुरू की गई थी। यहां पर इस टमाटर का नाम इंडिगो रोज टोमेटो से प्रसिद्ध है। हालाँकि, यूरोप की मंडियों में लोग इसको सुपरफूड भी कहते हैं। फिलहाल, भारत के अंदर भी आजकल काले टमाटक की खेती शुरू हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में किसान काले टमाटर का उत्पादन कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में विदेशों से इसके बीज मंगवाए गए थे। इसके उपरांत आहिस्ते-आहिस्ते अन्य राज्यों में भी काले टमाटर का उत्पादन शुरू हो गया। ये भी पढ़े: देसी और हाइब्रिड टमाटर में क्या हैं अंतर, जाने क्यों बढ़ रही है देसी टमाटर की मांग

किसान इसकी खेती से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा अर्जित कर सकते हैं

काले टमाटर की रोपाई सर्दी के मौसम में की जाती है। जनवरी का माह इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा होता है। बुवाई करने के तीन माह के उपरांत फल आने चालू हो जाते हैं। मतलब कि आप अप्रैल माह से काले टमाटर की तोड़ाई शुरू कर सकते हैं। यदि किसान भाई एक हेक्टेयर में काले टमाटर की खेती करते हैं, तो वह 4 लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि, इसका भाव लाल टमाटर की तुलना में ज्यादा होता है। भारत के अंदर फिलहाल काले टमाटर की कीमत 100 से 150 रुपये प्रतिकिलो है।